भारतरत्न से सम्मानित स्वर-कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की गिनती अनमोल गायिकाओं में है. उनकी मधुर आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में हैं.
खास बातें
लता मंगेशकर का 89वां जन्मदिन
पहली कमाई थी 25 रुपए
मराठा परिवार में हुआ था जन्म
नई दिल्ली: भारतरत्न से सम्मानित स्वर-कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की गिनती अनमोल गायिकाओं में है. उनकी मधुर आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में हैं. संगीत की मलिका कहलाने वाली लता मंगेशकर को कई उपाधियों से नवाजा जा चुका है. आज, यानी 28 सितंबर को उनके जन्म की 89वीं वर्षगांठ है. लता मंगेशकर का नाम सुनते ही हम सभी के कानों में मीठी-मधुर आवाज शहद-सी घुलने लगती है. आठ दशक से भी अधिक समय से हिन्दुस्तान की आवाज बनीं लता ने 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों फिल्मी और गैर-फिल्मी गानों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा. लता ही एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत हैं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते हैं.
लता का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी हैं. लता का पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था. लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं. मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं. उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे.
लता की परवरिश महाराष्ट्र में हुई. जब लता सात साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं. लता ने पांच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू कर दिया था. लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं. लता के पिता शास्त्रीय संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसीलिए शायद वह लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे. वर्ष 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया. इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और अर्थोपार्जन के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कीं.
लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे. इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं. लता ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया. लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें ऊषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपना करियर चुना
विवाह के बंधन में क्यों नहीं बंधी लता?
बचपन में कुंदनलाल सहगल की एक फिल्म चंडीदास देखकर वह कहती थीं कि वह बड़ी होकर सहगल से शादी करेंगी. लेकिन उन्होंने शादी नहीं की. उनका कहना है कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं. लता ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उनकी कोयल सी मधुर आवाज ने सैकड़ों फिल्मों के गीतों को अमर बनाया है.
खास बातें
लता मंगेशकर का 89वां जन्मदिन
पहली कमाई थी 25 रुपए
मराठा परिवार में हुआ था जन्म
नई दिल्ली: भारतरत्न से सम्मानित स्वर-कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की गिनती अनमोल गायिकाओं में है. उनकी मधुर आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में हैं. संगीत की मलिका कहलाने वाली लता मंगेशकर को कई उपाधियों से नवाजा जा चुका है. आज, यानी 28 सितंबर को उनके जन्म की 89वीं वर्षगांठ है. लता मंगेशकर का नाम सुनते ही हम सभी के कानों में मीठी-मधुर आवाज शहद-सी घुलने लगती है. आठ दशक से भी अधिक समय से हिन्दुस्तान की आवाज बनीं लता ने 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों फिल्मी और गैर-फिल्मी गानों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा. लता ही एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत हैं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते हैं.
लता का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में हुआ. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी हैं. लता का पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था. लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं. मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं. उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे.
लता की परवरिश महाराष्ट्र में हुई. जब लता सात साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं. लता ने पांच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू कर दिया था. लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं. लता के पिता शास्त्रीय संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसीलिए शायद वह लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे. वर्ष 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया. इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और अर्थोपार्जन के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कीं.
लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे. इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं. लता ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया. लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें ऊषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपना करियर चुना
विवाह के बंधन में क्यों नहीं बंधी लता?
बचपन में कुंदनलाल सहगल की एक फिल्म चंडीदास देखकर वह कहती थीं कि वह बड़ी होकर सहगल से शादी करेंगी. लेकिन उन्होंने शादी नहीं की. उनका कहना है कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं. लता ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उनकी कोयल सी मधुर आवाज ने सैकड़ों फिल्मों के गीतों को अमर बनाया है.